फोकस वह मछली की आंख है जो अर्जुन ने हमें सिखाया । यह फोकस ही है जो हमे रास्ता दिखाती है और विचलित होने से बचाती है । 

यह फोकस ही है जिसके द्वारा एक मैग्नीफाइंग ग्लास पेपर पर कंसंट्रेट कर कागज को जला देती है । 


थॉमस अल्वा एडिशन का फोकस सिर्फ बल्ब बनाने पर था और असफलता पर असफलता मिलती रही पर उन्होंने अपना फोकस सिर्फ अपने एक्सपेरिमेंट पर लगाया और अंततः बिजली का बल्ब बनाकर ही दम लिया । 


जब हाइ पावर वाटर जेट स्प्रेयर फोकस करती है तो पानी भी लोहे को काट देती है ।


दसरथ मांझी का फोकस हमे याद है जब एक पहाड़ को उसकी औकात समझ में आ गई । और माझी ने सिर्फ छेनी हथौड़ी से पहाड़ को काट डाला ।


सफलता के लिए हमे सही समय सही जगह फोकस करना होगा । जब पढ़ने का फोकस चाहिए, तब सिर्फ पढ़ाई । क्योंकि कुछ दिनों का संघर्ष आपकी पूरी जिंदगी बना सकता है और कुछ दिनों की मस्ती आपको पूरा जीवन पछतावा देने के लिए काफी है । महत्वपूर्ण यह है कि आपने कब क्या किया । 


समय चूकि पुनि का पछताने, का वर्षा जब कृषि सुखाने ।


और हां, अपने नजरिए को संभाले रखना क्योंकि नजर का इलाज तो हो सकता है परंतु नजरिए का नहीं | नींद से तो किसी को जगाया जा सकता है परंतु सोने का बहाना करने वाले को कभी नही | आपको फोकस से कभी भी विचलित नहीं होना है ।


फोकस के लिए एंबीशन, टारगेट, टाइमलाइन, गोल, कंसंट्रेशन अत्यंत आवश्यक है। 


यह लेख उन लोगो के लिए है जो कुछ सच के पाना चाहते है । उनके लिए यह जरूरी है कि सबसे पहले आवश्यकता / लालसा रखे कुछ कर जाने की। फिर गोल तय करे । फिर रोडमैप तैयार करे । फिर समय सीमा तय करे की लक्ष्य को कब तक पाना है । फिर आवश्यक रणनीति बनाए । अब जरूरत है अडिग फोकस की । बस एक बात याद रखनी है की जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेगे नहीं और हैसलो को बुलंद रखना है ।


जब टूटने लगे हौसले तो इतना याद रखना ।

बिना मेहनत के तख्तो ताज हासिल नहीं होते ।।

ढूंढ लेते हैं जुगनू अंधियारे में भी अपनी मंजिल ।

क्योंकि कभी वह रोशनी के मोहताज नहीं होते ।।


ध्यान रखे – कुछ लोग उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जिन्हें वह चाहते हैं । जबकि ज्यादातर लोग उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जिन्हें वह नहीं चाहते हैं । और प्रकृति हमेशा मन की बात सुनती है ।


तो बस जरूरत है फोकस और कंसंट्रेशन की ।


आपको आपके लक्ष्य प्राप्ति की अग्रिम शुभकामनाएं।